कभी भी
'कामयाबी' को दिमाग
और
'नाकामयाबी' को दिल में
जगह नहीं देनी चाहिए।
क्योंकि,
कामयाबी
दिमाग में घमण्ड
और
नाकामयाबी दिल में
मायूसी पैदा करती है।
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<< << << End of Post Dated : 08/05/2017. >> >> >>