जो चाहा
कभी पाया नहीं,
जो पाया
कभी सोचा नहीं,
जो सोचा
कभी मिला नहीं,
जो मिला
रास आया नहीं,
जो खोया
वो याद आता है,
पर जो पाया
संभाला जाता नहीं,
क्यों
अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी,
जिसको
कोई सुलझा पाता नहीं...
जीवन में
कभी समझौता करना पड़े
तो कोई बड़ी बात नहीं है,
क्योंकि,
झुकता वही है
जिसमें जान होती है,
अकड़ तो
ठूँठ की पहचान होती है।
Contrbuted by : MSMD
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